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क्रोध एवं अहंकार प्रबंधन – बी के मंजूनाथ

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बीदर में ब्रह्मा कुमारीज द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रवचन माला के चौथे दिन कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की गई ।

कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता बी के मंजूनाथ भाई, बी के सुनंदा बहनजी  समेत श्रीमती शीला भगवंत खुबा, बिजनेसमैन  भ्राता चंद्रकांत वसमते , भ्राता रमेश गोयल, डेन टीवी के संचालक रवि स्वामी, महिला पुलिस निरीक्षक  मल्लम्मा चौबे, डॉ ए सी ललितम्मा, डॉ गुंडप्पा भाई तथा अन्य गणमान्य आतिथियों ने उपस्थिति दर्ज की।

भ्राता चंद्रकांत  वसमते अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा की ब्रह्माकुमारीज द्वारा शिव बाबा का जो संदेश दिया जा रहा है उसका अनुकरण करना इस समय बहुत जरूरी है, विश्व की  हालत बेहद नाजुक है। चारों ओर प्राकृतिक आपदाएं, बीमारियों के शिकार होकर लोग मर रहे हैं, कहीं बाढ, कही भूकंप, कहीं ज्वालामुखी ऐसी नाजुक स्थिति से हम गुजर रहे हैं। ऐसे में ब्रह्मा कुमारीज का एजुकेशन बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने सभी से परमात्मा का  संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया।डॉ ललितम्मा ने ब्रह्माकुमारी विद्यालय से जुड़ने के बाद जीवन में आए परिवर्तन को लोगों के समक्ष साझा किया। उन्होंने कहा यहां के बहनों के व्यवहार, विचार, वाइब्रेशन के कारण मेरे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। कार्यक्रम में  आमंत्रित करने के लिए उन्होंने ब्रह्मा कुमारीज का आभार व्यक्त किया।

महिला पुलिस निरीक्षक मल्लम्मा चौबे ने अपनी  शुभकामनाएं देते हुए  कहा परिवर्तन सृष्टि का नियम है हमें समय के साथ बदलना जरूरी है अच्छे विचार अच्छा, आचरण हमें श्रेष्ठता की ओर ले जाता है। ब्रह्माकुमारी बहनें ऐसे कार्यक्रमों द्वारा संसार परिवर्तन का दिव्य संदेश देकर संसार में शांति, सद्भाव स्थापन करने में अच्छी भूमिका निभा रही हैं। सकारात्मक विचार करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन जरूर आता है। ब्रह्मा कुमारिस की शिक्षाएं मानव को यही सिखा रही हैं।

ब्रह्माकुमारीज के कार्य में समय  प्रति समय सेवाओं में सहयोगी बी के भाई बहने,  टेंट हाउस के चंदू भाई, तथा वंदे मातरम स्कूल के पूरे स्टाफ का सभा में सम्मान किया गया।

मुख्य वक्ता बी के मंजूनाथ भाई ने क्रोध एवं अहंकार प्रबंधन इस विषय पर अपने संबोधन में कहा गलत फहमी तथा संशय के कारण ही क्रोध उत्पन्न होता है। उन्होंने क्रोध से होने वाले दुष्परिणामों को मार्मिक कहानियों तथा प्रेजेंटेशन के द्वारा सरल शब्दों में समझाया।

आगे उन्होंने बताया विश्व में डिप्रेशन के शिकार बनने वालों की संख्या में भारत नंबर वन है। आज सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी भारत में ज्यादा है।एक नेगेटिव विचार हमारे करोड़ों  कोशिकाओं को अफेक्ट करता है। उन्होंने लोगों से सवाल पूछा क्रोध शस्त्र है या कमजोरी? क्रोध करने से सबसे पहला दुष्परिणाम स्वयं के ऊपर ही होता।  दूसरों को शांत करने के लिए प्रथम स्वयं को सेट करना जरूरी है डिस्टर्ब माइंड से हम किसी को शांत नहीं कर सकते।

शिवरात्रि पर अक्सर लोग उपवास करते हैं परंतु वास्तव में उपवास नेगेटिव विचारों का करना चाहिए। डॉ हमारे शरीर को ठीक कर सकता है परंतु सोल , आत्मा को नहीं।

जीवन में दुआओं का बहुत बड़ा रोल होता है। जिसने अपने जीवन में दुआएं कमाई है उसका जीवन सुरक्षित रहता है। दुआ ही दवा का काम करती हैं। इसलिए हमें  हमें कोई ऐसा काम नहीं करना है जिससे दूसरों को दुख पहुंचे। जीवन में खुशी और शांति के लिए दुआएं कमाना बेहद जरूरी है नकारात्मक भावनाओं का हमारे शरीर के विभिन्न प्रणालियों पर बुरा असर पड़ता है।

बीके सरस्वती बहन ने मंच संचालन किया और अंत में सभी का आभार व्यक्त किया।

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महाकाली देवी

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मीनाक्षी देवी

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